International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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एशिया -प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियों के सन्दर्भ में क्वाड देशों की वैविध्यपूर्ण भूमिका

Author(s) Narayani Shukla
Country India
Abstract 21वीं सदी में एशिया- प्रशांत क्षेत्र की भू-राजनीतिक महाशक्तियों या उभरती शक्तियों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र में जहां अनेक संभावनाएं हैं, वहीं यह क्षेत्र चुनौतियों से रहित नहीं है। इस क्षेत्र में अनेक परंपरागत एवं गैर-परंपरागत चुनौतियां विद्यमान है। अतः इस क्षेत्र में शक्ति संतुलन स्थापित कर साझी समृद्धि हेतु साझी प्राथमिकताओं की पहचान कर सामान्य मूल्यों और समानहित अथवा स्वहित से संचालित देशों के मध्य अनेक सुरक्षा समुदायों का निर्माण होता है जिनमें 'क्वॉड' प्रमुख है। क्वाड देश चार प्रमुख लोकतांत्रिक देशों का एक अनौपचारिक अंतर सरकारी संगठन है जो इस क्षेत्र में शांति एवं सहयोग स्थापित कर साझी समृद्धि स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहें है। चीन,जो कि एशिया- प्रशांत क्षेत्र में अपनी आक्रामक विस्तारवादी नीतियों के जरिए वर्चस्व स्थापित करने का जो प्रयास कर रहा है उनका सामना करने के लिए क्वाड एवं क्वाड के पूरक संगठन ऑकस और स्क्वाड की भूमिका महत्वपूर्ण है जो सामूहिक रणनीति अपना कर इस क्षेत्र में शक्ति -संतुलन स्थापित करने तथा समस्याओं के समाधान में योगदान कर रहे हैं। इस शोध पत्र में एशिया प्रशांत क्षेत्र की चुनौतियां और संभावनाओं की दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर क्वॉड देशों के मध्य विविध मंचों के माध्यम से हो रहे सहयोग का शोधार्थी द्वारा अवलोकनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है।
Keywords एशिया -प्रशांत, हिन्द -प्रशांत, भूराजनीति, भू अर्थ, समृद्धि की क्षमता, सामरिक प्रतिद्वंदिता, सहकारी रणनीति, समन्वय तंत्र, साझी प्राथमिकता, सयुंक्त प्रयास, विस्तारवादी नीति, क्वाड, ऑकस, स्क्वाड, PGII, CTPP, RCEP, IPEF।
Field Sociology > Politics
Published In Volume 7, Issue 1, January-February 2025
Published On 2025-02-26
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i01.37796
Short DOI https://doi.org/g86w67

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