International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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इंदौर शहर का विकास 1857 ईस्वीं से लेकर 1964 ईस्वीं तक

Author(s) Madhuri Modi
Country India
Abstract प्रस्तुत शोध में इंदौर शहर का विकास 1857 ईस्वीं से लेकर 1964 ईस्वीं तक शहर के विकास क्रम को प्रस्तुत किया गया है।मुग़ल काल में तो शहर एक बस्ती हुआ करता था और इसका राजनीतिक व प्रशासनिक महत्त्व नगण्य था। मराठों के मालवा में आगमन के पश्चात् इंदौर एक शहर के रूप में आकर लेने लगा। मराठा सरदार मल्हार राव होल्कर ने यहाँ राजवाड़ा की नींव डाली। महाराजा तुकोजीराव होलकर द्वितीय ने यहाँ विकास की धारा को प्रवाहमान किया जो आज तक अविरल प्रवाहित है। महाराजा शिवाजीराव होलकर के काल में नगर के कला और सौंदर्य में वृद्धि हुई। महाराजा तुकोजीराव होलकर तृतीय के काल में नगर का संभावित विकास व विस्तार बहुत ही सुनियोजित तरीके से हुआ । महाराजा यशवंतराव होलकर द्वितीय के काल में नगर सर्वांगीण विकास हुआ, विशेषकर उद्योग-धंधे के क्षेत्र में इंदौर ऊंचाइयों को छूने लगा। स्वाधीनता के पश्चात् इंदौर का विकास जिस गति से हुआ है उसने उसे मध्यभारत के पटल पर दैदीप्यमान किया है।
Field Sociology > Archaeology / History
Published In Volume 7, Issue 1, January-February 2025
Published On 2025-02-28
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i01.38016
Short DOI https://doi.org/g86w4w

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