International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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बहुविषयक शिक्षा का विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रभाव

Author(s) Dr. Shivali Shakya
Country India
Abstract शोध सारांश –
बहुविषयक शिक्षा वह होती है जो विद्यार्थियों को एक ही विषय पर बहुत सारे दृष्टिकोण से समझाती है। इसका प्रयोग तभी सार्थक है जबकि इसे सही रूप में प्रयोग किया जाए। यदि सभी विषयों एक साथ पढ़ाया जाए एवं किसी भी विषय पर संपूर्ण ध्यान न दिया जाए तो यह अधूरी शिक्षा विद्यार्थियों के सामने बहुत बड़ी चुनौती भी खड़ी कर सकती है। बहुविषयक शिक्षा विद्यार्थियों को सार्थकता प्रदान करती है, उसे विभिन्न विषयों में तालमेल या सामंजस्य बैठाने में मदद करती है। इससे विद्यार्थियों में सहयोग एवं टीम वर्क की भावना उत्पन्न होती है। विषय का पूर्ण ज्ञान होने से उनमें पूर्ण आत्मनिर्भरता एवं विश्वास आता है। विद्यार्थियों को विषयों का गहन अध्ययन प्राप्त होता है। यदि हम इसका प्रयोग सही ढंग से करें तो हम अपने देश के लिए नवाचार व नई योजनाएं भी बना सकते हैं एवं शोध व विकास हेतु अपना योगदान दे सकते हैं। बहुविषयक शिक्षा को प्रयोग करने के सकारात्मक एवं नकारात्मक पहलू भी है। कहीं तो उसका प्रयोग विद्यार्थियों में पूर्ण समझ उत्पन्न करता है और कहीं उनमें नीरसता, आत्मविश्वास की कमी, अक्षमता और कुशलता आदि चीजें प्रदर्शित होती है। अतः यह कहा जा सकता है कि बहुविषयक शिक्षा के दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए केवल उसे उन्हीं क्षेत्रों में अपनाया जाए जिससे कि विद्यार्थियों को लाभ प्राप्त हो सके। बहुविषयक शिक्षा का सही प्रयोग विद्यार्थियों के साथ - साथ देश को भी उन्नति की और अग्रसर कर सकता है। जितना विद्यार्थी विषय के प्रति सक्षम होगा उतना ही देश आगे तरक्की करेंगा क्योंकि विद्यार्थी ही शोध एवं कार्यकुशलता से देश को आगे ले जा सकते हैं ।
Keywords बहुविषयक शिक्षा, समग्र शिक्षा ।
Field Mathematics > Economy / Commerce
Published In Volume 7, Issue 2, March-April 2025
Published On 2025-03-11
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i02.41332
Short DOI https://doi.org/g9fcdd

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