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E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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The unknown hero of Baghpat district in the revolution of 1857 (1857 की क्रांति में जनपद बागपत के गुमनाम नायक)

Author(s) Mr. Mohit ., Dr. Renu Jain
Country India
Abstract जब हम भारतवर्ष के इतिहास में घटित सबसे महत्वपूर्ण घटना 1857 की क्रांति की बात करते हैं तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वर्तमान जनपद बागपत का नाम इस क्रांति में योगदान के लिए सर्वाधिक आग्रणी जनपदों में आता है। बागपत की पावन वीर प्रसुता माटी की सुगन्ध में खेले कूदे और पले-बढे क्रान्तिवीरों के नाम और इस क्रान्ति में दिये उनके अतुलनिय योगदान के बिना भारतवर्ष का इतिहास अधुरा ओर निष्प्राण जैसा ही होगा। बागपत के अधिकांश गांवों ने प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से इसमें भाग लिया था। इनमें से अधिकांश गांव के किसानों ने अपने-अपने स्थानीय नेता के नेतृत्व में एकत्र होकर इस क्रांति में बागपत में क्रांति के नेतृत्वकर्ता बाबा शाहमल का साथ दिया था। इस क्षेत्र के महान, निष्काम और बहुत से अनाम, अज्ञात, क्रांतिवीरों के बलिदान से अंग्रेजी शासन लगभग समाप्त हो गया था। अंग्रेज त्राहिमाम-त्राहिमाम करने लगे थे। 1857 की क्रांति के विषय में अनेक इतिहासकारों ने विस्तार से विवरण दिये है परंतु जनपद बागपत के 1857 की क्रांति में दिए गए योगदान और क्रांतिवीरों के विषय में व्यवस्थित रूप से किसी भी लेखक द्वारा लिखने का सार्थक प्रयास नहीं किया गया। फिर भी अपने क्रांतिवीर पूर्वजों के विषय में हमें ज्ञान नहीं है ऐसा भी तो नहीं है। ठाकुर गंगा बिशन सिंह, बाबा मेहर चन्द, चैधरी जयराम और बाबा अचल सिंह गुर्जर जैसे अनेक वीरो ने अंग्रेजों से भारत वर्ष को आजाद कराने के लिए अपने परिवार और प्राणो तक को बलिदान कर दिया। आज भी जनपद बागपत के असंख्य क्रांतिवीर अल्पज्ञात है। यह बहुत ही खेद का विषय है। हमारा दायित्व है कि हम उन बलिदानी वीरो की गाथा को जन-जन तक पहुचांये और उनको यथोचित सम्मान दिलायें।
Keywords क्रांति, अल्पज्ञात, किसान, बलिदान
Field Sociology > Archaeology / History
Published In Volume 7, Issue 3, May-June 2025
Published On 2025-05-08
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i03.43651
Short DOI https://doi.org/g9hsdm

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