International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 7, Issue 3 (May-June 2025) Submit your research before last 3 days of June to publish your research paper in the issue of May-June.

बिहार की कृषि: किसान, आजीविका और भूमि उपयोग

Author(s) Prabhu Yadav
Country India
Abstract सार
बिहार की अर्थव्यवस्था पर कृषि का महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है। यहाँ की उर्वरा मिट्टी, नदियों का जल स्रोत, और अनुकूल जलवायु ने वर्षों तक राज्य को कृषि प्रधान बनाए रखा है। हालांकि, पिछले कुछ दशकों में बिहार की कृषि प्रणाली में कई सामाजिक, आर्थिक, और पर्यावरणीय परिवर्तन आए हैं, जिनका सीधा असर किसानों की आजीविका और भूमि के उपयोग पर पड़ा है। आज कई कारणों से बिहार के किसान विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जैसे कि सीमित और विभाजित कृषि भूमि, सिंचाई की कमी, बीज और उर्वरक की बढ़ती कीमतें, तथा जलवायु परिवर्तन के प्रभाव। बिहार में कृषि आधारित समृद्धि को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक है कि हम बहु-स्तरीय नीतिगत हस्तक्षेप, जल संचयन तकनीकों के प्रचार और ज़िम्मेदार भूमि उपयोग को बढ़ावा दें। इसके अलावा, यह अध्ययन बिहार की हरित संपदा के संदर्भ में किसान समुदाय की आजीविका, भूमि उपयोग में हुए परिवर्तनों और उनसे जुड़े सामाजिक-आर्थिक तथा पारिस्थितिकीय पहलुओं का विस्तृत विश्लेषण प्रस्तुत करता है। इसमें भूमि संसाधनों की महत्वपूर्ण भूमिका, किसानों द्वारा अपनाई गई रणनीतियाँ, जल प्रबंधन, फसल विविधता और कृषि तकनीकों के विभिन्न पहलुओं पर गहराई से चर्चा की गई है। इस अध्ययन के माध्यम से हम जानेंगे कि कैसे ये सभी तत्व मिलकर कृषि विकास में कसे योगदान देते हैं।
Keywords मूल शब्द : बिहार की कृषि, कृषि नीतियाँ, फसल विविधता, कृषि तकनीक, भूमि उपयोग, कृषक उत्पादक संगठन।
Field Arts
Published In Volume 7, Issue 3, May-June 2025
Published On 2025-05-26
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i03.46046
Short DOI https://doi.org/g9mn6g

Share this