International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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दक्षिण एशिया में बढ़ता जल संकट - भारत चीन जल युद्ध की सम्भावना और उसका भारत के पूर्वोत्तर प्रदेशों पर प्रभाव होने का अंदेशा

Author(s) Prof. Dr. Bharati Sharma
Country India
Abstract पानी को दुनिया के लिए प्रमुख संकटों में से एक है पर पानी को समाज और आर्थिक विकास के लिए अगले साल 10 सालों में सबसे बड़ा चुनौती माना गया है I पृथ्वी की सतह के समय 71% पानी में से 3% ही मीठा पानी है जो कि लगभग 2% ग्लेशियर से मिलता है यह प्रतिशत भी तेजी से घट रहा है इसका मुख्य कारण बढ़ती जनसंख्या और आर्थिक गतिविधियां है ।
भारत देश में नदियों का जाल है परंतु इसकी महत्वपूर्ण नदियों में से दो चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र से आती है ,भारत और चीन दक्षिण एशिया के दो महान देश है इनकी जनसंख्या जो कि विश्व की जनसंख्या का 40 प्रतिशत है चीन द्वारा तिब्बत को 1951 में अधिग्रहित करने के कारण चीन की सीमाएं भारत से लग गई हैं ,और अब भारत में आने वIली ज्यादातर नदियों के मुहाने पर चीन है I
भारत चीन के तनाव पूर्ण आपसी सम्बन्ध भी समस्या है भारत इनका सामना लगातार करता रहा है और अभी भी दृढ़ता पूर्वक कर रहा है ,पर इन सबसे भयानक और चिंता जनक स्थिति चीन की जल युद्ध की तैयारी है। पानी के बँटवारे को लेकर कोई भी संधि चीन ने नहीं की है।
Keywords नदियों , तिब्बत ,स्वायत्त क्षेत्र , अधिग्रहित , मुहाने
Published In Volume 7, Issue 4, July-August 2025
Published On 2025-07-29
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i04.51419
Short DOI https://doi.org/g9vpg2

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