International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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भारतीय संविधान का विकास : भारतीय चार्टर अधिनियम -1813 के विशेष संदर्भ में

Author(s) Ms. Sandhya Nirvel
Country India
Abstract ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में संवैधानिक विकास के क्रम में चार्टर अधिनियम लागू किये थे। इन्हीं चार्टर अधिनियमों में 1813 का अधिनियम महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस अधिनियम में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने चार्टर को नवीनीकृत किया और भारत में कंपनी के शासन को जारी रखा। चीन कें साथ व्यापारिक एकाधिकार छोड़कर कंपनी के वाणिज्यिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया। 1813 के अधिनियम के प्रावधानों के तहत भारत के आर्थिक स्तर में बहुत गिरावट हुई। भारत में मुक्त व्यापार की शुरुआत होने से भारत के कुटीर व लघु उद्योगों का पतन होना आरंभ हो गया और भारत का बाह्य तथा आंतरिक व्यापार भी पुरी तरह से ब्रिटेन के हाथों में चला गया। इस अधिनियम के प्रावधानों में ईसाई धर्म के प्रचार -प्रसार की छूट दी गई जिससे भारत में बड़े पैमाने पर धर्म परिवर्तन करवाया गया। इस अधिनियम में पहली बार भारतीयों की शिक्षा के लिए एक लाख रू. की बात की गई। अंग्रेज भारत में अंग्रेजी शिक्षा का प्रसार स्वयं के लाभ के लिए चाहते थे। इस अधिनियम के प्रावधानों पर नेपोलियन के महाद्वीपीय सिद्धांत, एडम स्मिथ की पुस्तक वेल्थ ऑफ नेशंस तथा ब्रिटेन के पूंजीपति व्यापारिक वर्ग का प्रभाव दिखाई देता है।
Keywords चािटर अधधनियम, भारत, अंग्रेजी, शशक्षा, ईसाई, प्रचार, सरकार
Field Arts
Published In Volume 7, Issue 4, July-August 2025
Published On 2025-07-22
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i04.51805
Short DOI https://doi.org/

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