International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

A Widely Indexed Open Access Peer Reviewed Multidisciplinary Bi-monthly Scholarly International Journal

Call for Paper Volume 6 Issue 5 September-October 2024 Submit your research before last 3 days of October to publish your research paper in the issue of September-October.

वर्तमान समय में हिन्‍दी माध्‍यम में शिक्षा की प्रासंगिकता

Paper Id PIPRDA-2323
Author(s) पूजा पाटीदार
Country India
Abstract शिक्षा का समाज से बहुत गहरा संबंध है। हमारी भारतीय संस्कृति में शिक्षा देने वाले गुरू की महिमा को भगवान से भी ऊँचा दर्जा प्राप्‍त है। इसका कारण शिक्षा ही है। शिक्षा ही वह पतवार है जो हर परिस्थितियों में मनुष्‍य रूपि नाव को पार लगा सकती है। संस्‍कृत में कहा भी गया है- विधा ददाति विनयम्, अर्थात विधा से विनय की प्राप्ति होती है। शिक्षित मनुष्‍य हमेशा नम्र होता है। उसकी नम्रता का मूल स्‍वरूप शिक्षा ही होती है। शिक्षा के द्वारा ही एक स्‍वस्‍थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। यहि कारण है कि हमारी संस्‍कृति में जो सोलह संस्‍कार हैं उनमें एक शिक्षा भी है। अर्थात हम कह सकते है कि जिस प्रकार मनुष्‍य के सम्‍पूर्ण जीवन में जन्‍म से लेकर मृत्‍यु तक के संस्‍कारों की महत्‍ता है, उसमें शिक्षा को अनिवार्य माना गया है।
Published In Conference / Special Issue (Volume 5 | Issue 1) - डिजिटल युग में साहित्यिक चोरी एवं बौद्धिक सम्पदा अधिकार (बहुविषयक) (PIPRDA-2023) (January 2023)
Published On 2023-01-25
Cite This वर्तमान समय में हिन्‍दी माध्‍यम में शिक्षा की प्रासंगिकता - पूजा पाटीदार - IJFMR Conference / Special Issue (Volume 5 | Issue 1) - डिजिटल युग में साहित्यिक चोरी एवं बौद्धिक सम्पदा अधिकार (बहुविषयक) (PIPRDA-2023) (January 2023).

Share this