International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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मौर्य सम्राट अशोक की वैश्विक विरासत: साहित्यिक प्रतिनिधित्व

Author(s) Ms. Kanchan Meshram
Country India
Abstract सम्राट अशोक (268-232 ईसा पूर्व) भारतीय इतिहास के सबसे प्रभावशाली शासकों में से एक थे। उन्होंने न केवल एक विशाल साम्राज्य का शासन किया, बल्कि अपने शासनकाल में नैतिकता, अहिंसा और धर्म के प्रचार-प्रसार को प्राथमिकता दी। अशोक की विरासत केवल भारतीय उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं रही, बल्कि उनके विचारों ने वैश्विक प्रभाव डाला। मौर्य सम्राट अशोक भारतीय इतिहास की एक महान विभूति हैं, जिनकी विरासत ने न केवल भारतीय उपमहाद्वीप बल्कि संपूर्ण विश्व को प्रभावित किया। अशोक का शासन धर्म, अहिंसा और सामाजिक कल्याण के सिद्धांतों पर आधारित था, जिसका साहित्यिक प्रतिनिधित्व प्राचीन एवं आधुनिक साहित्य में भली-भांति हुआ है। यह शोध-पत्र अशोक की वैश्विक विरासत को साहित्यिक दृष्टिकोण से विश्लेषित करता है, जिसमें प्राचीन भारतीय ग्रंथों, बौद्ध साहित्य, विदेशी यात्रियों के विवरणों और आधुनिक साहित्य में उनके चित्रण का विस्तृत अध्ययन किया गया है।यह अध्ययन दर्शाता है कि अशोक की नीतियों और उनके विचारों का प्रभाव महाभारत, दीपवंश, महावंश, अशोकवदन, चीनी यात्री फ़ाह्यान और ह्वेनसांग के विवरणों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। साथ ही, समकालीन साहित्य में भी उनके आदर्शों को प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया गया है। शोध में विभिन्न साहित्यिक स्रोतों का तुलनात्मक अध्ययन कर यह दर्शाया गया है कि अशोक की शिक्षाएँ आज भी प्रासंगिक हैं और उनके विचारों ने वैश्विक साहित्यिक परंपरा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
Keywords अशोक, बौद्ध साहित्य, वैश्विक विरासत, साहित्यिक प्रतिनिधित्व, अशोकवदन, दीपवंश, महावंश, भारतीय इतिहास, साहित्य, वैश्विक विरासत, साहित्यिक प्रतिनिधित्व, अशोकवदन, दीपवंश,
Field Arts
Published In Volume 7, Issue 4, July-August 2025
Published On 2025-08-03
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i04.53054
Short DOI https://doi.org/g9vzmb

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