International Journal For Multidisciplinary Research

E-ISSN: 2582-2160     Impact Factor: 9.24

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पर्यावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण गौरैया चिड़िया की दिन ब दिन घटती संख्या पर एक अध्ययन

Author(s) Dr.Kushal singhBaghel
Country India
Abstract शोध सारांश-
गौरैया हमारे पृथ्वी से क्यों लुप्त हो रही है, आज यह बड़ा सवाल हम सभी के सामने है। आपको बता दें कि, गौरैया घरेलू पक्षियों में शामिल है। गौरैया पक्षी इंसानों के बीच में रहती है, लेकिन अब इंसानों से दूर होते जा रही है। पहले घरों के आंगन में छतों पर या मुंडेर पर दिखाई देती थी। घर आंगन में फुदकने वाली ये गौरैया ना तो अब दिखाई देती है और ना ही इसकी आवाज सुनने को मिलती है। आज के इस युग मैं पक्षियों का जीवन व्यतीत करना दूभर हो गया है। क्योंकि पक्षियों को रहने के लिए ना तो अब पेड़ बचे हैं। और ना ही खाने के लिए खाना मिल पाता है। स्थिति तो तब और गंभीर हो जाती है। जब गर्मियों के दिनों में पक्षी भूख एवं प्यास की वजह से मारे जाते हैं। हम सभी का कर्तव्य है। कि हम इस बेजुबान पक्षी की रक्षा करें और हमें अपने घरों के आसपास के छायादार स्थान पर पानी रखना चाहिए जिससे यह पक्षी अपनी प्यास बुझा सके और अपना अनमोल जीवन बचा सके।
Keywords शब्द कुंजी- : शहरीकरण, आधुनिक वास्तुकला और खाने के स्त्रोत , प्रदूषण, उर्वरक , कीटनाशक सुपरबाजारों, आधुनिक इमारतों !
Field Biology > Zoology
Published In Volume 7, Issue 2, March-April 2025
Published On 2025-04-22
DOI https://doi.org/10.36948/ijfmr.2025.v07i02.37038
Short DOI https://doi.org/g9gdrq

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